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शेयर बाजार में मचा है कोहाराम… आज 10 लाख करोड़ डूबे

शेयर बाजार में निवेशकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। लगातार पांच दिनों से सेंसेक्स-निफ्टी में तेज गिरावट दर्ज की गई है..मंगलवार को ही डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का सीधा असर निवेशकों पर पड़ा है, जिन्हें मंगलवार तक 10 लाख करोड़ रुपए और 4 फरवरी के बाद से अब तक 17.76 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है।

शेयर बाजार:-शेयर बाजार में मंगलवार को लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही और बीएसई सेंसेक्स 1,000 अंक से अधिक का गोता लगा गया। विदेशी संस्थागत निवेशकों की लगातार पूंजी निकासी और अमेरिका के नये सिरे से शुल्क लगाने को लेकर व्यापार युद्ध की आशंका से बाजार नीचे आया।

तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,018.20 अंक यानी 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ दो सप्ताह के निचले स्तर 76,293.60 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय यह 1,281.21 अंक तक लुढ़क गया था।

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 309.80 अंक यानी 1.32 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,071.80 अंक पर बंद हुआ। निफ्टी में शामिल 50 शेयरों में से 44 नुकसान में जबकि छह लाभ में रहे।

सेंसेक्स के तीस शेयरों में जोमैटो पांच प्रतिशत से अधिक नीचे आया। इसके अलावा टाटा स्टील, बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, पावर ग्रिड, लार्सन एंड टुब्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर और आईटीसी प्रमुख रूप से नुकसान में रहे।

सेंसेक्स में शामिल तीस शेयरों में से केवल भारती एयरटेल का शेयर लाभ में रहा।

पिछले पांच कारोबारी सत्रों में बीएसई सेंसेक्स 2,290.21 अंक यानी 2.91 प्रतिशत नीचे आ चुका है, जबकि एनएसई निफ्टी में 667.45 अंक यानी 2.81 प्रतिशत की गिरावट आई है।

शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,463.72 करोड़ रुपये के शेयर बेचे।

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘अमेरिकी व्यापार नीतियों और शुल्क दरों को लेकर जारी अनिश्चितता, घरेलू आर्थिक वृद्धि संबंधी चिंताओं और एफआईआई की लगातार बिकवाली के कारण बाजार धारणा कमजोर हो रही है। मांग संबंधी चिंताओं और ऊंचे मूल्यांकन के कारण मझोली और छोटी कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट देखी गई।’’

छोटी कंपनियों से जुड़ा बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 3.40 प्रतिशत नीचे आया जबकि मझोली कंपनियों से संबंधित मिडकैप 2.88 प्रतिशत के नुकसान में रहा।

एशिया के अन्य बजारों में चीन का शंघाई कम्पोजिट और हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि दक्षिण कोरिया का कॉस्पी लाभ में रहा।

यूरोप के ज्यादातर बाजार दोपहर के कारोबार में नुकसान में रहे। अमेरिकी बाजार सोमवार को बढ़त में रहे थे।

वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76.74 डॉलर प्रति बैरल रहा।

बीएसई सेंसेक्स सोमवार को 548.39 अंक नीचे आया और एक सप्ताह के निचले स्तर 77,311.80 अंक पर बंद हुआ। एनएसई निफ्टी 178.35 अंक टूटकर 23,381.60 अंक पर बंद हुआ था।

शेयर बाजार में निवेशकों की चिंताएं बढ़ती जा रही हैं। लगातार पांच दिनों से सेंसेक्स-निफ्टी में तेज गिरावट दर्ज की गई है, जिससे बाजार की स्थिति डांवाडोल हो गई है। दोनों प्रमुख इंडेक्स में अब तक 3% से अधिक की गिरावट आ चुकी है, जबकि सिर्फ मंगलवार को ही डेढ़ फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट का सीधा असर निवेशकों पर पड़ा है, जिन्हें मंगलवार तक 10 लाख करोड़ रुपए और 4 फरवरी के बाद से अब तक 17.76 लाख करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान झेलना पड़ा है। खास बात यह है कि फरवरी में अब तक की गिरावट जनवरी से भी ज्यादा रही है और महीने के आधे पड़ाव से पहले ही सेंसेक्स 2,400 से ज्यादा अंक लुढ़क चुका है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर शेयर बाजार में यह गिरावट क्यों देखने को मिल रही है। इसका प्रमुख कारण वैश्विक स्तर पर बढ़ती अनिश्चितता और अमेरिका की व्यापार नीतियां मानी जा रही हैं। हाल ही में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ को लेकर सख्त रुख अपनाने के संकेत दिए हैं, जिसका असर वैश्विक शेयर बाजारों पर साफ नजर आ रहा है। भारत भी इससे अछूता नहीं है। ट्रंप ने स्टील और एल्युमीनियम पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की है, जिससे बाजार पर दबाव बढ़ गया है। बाजार विशेषज्ञों के अनुसार, निवेशकों की नजरें अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के संभावित बयानों पर टिकी होंगी। इस मुलाकात से आने वाले संकेत ही तय करेंगे कि बाजार में कोई सुधार देखने को मिलेगा या नहीं।

सेंसेक्स में बड़ी गिरावट
मंगलवार को शेयर बाजार में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स कारोबार के दौरान 1,281.21 अंक गिरकर 76,030.59 के निचले स्तर तक पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले यह 77,311.80 अंकों पर बंद हुआ था। मौजूदा समय, यानी दोपहर 2:15 बजे, सेंसेक्स 1,116 अंकों की गिरावट के साथ 76,195.89 पर कारोबार कर रहा था।

शेयर बाजार में यह गिरावट लगातार जारी है, खासकर 4 फरवरी के बाद से। इस दौरान सेंसेक्स में 3.25% की गिरावट देखी गई है। आंकड़ों के मुताबिक, 4 फरवरी को सेंसेक्स 78,583.81 अंकों पर बंद हुआ था, और तब से अब तक इसमें 2,553.22 अंकों की गिरावट दर्ज की जा चुकी है।

निफ्टी में भी तेज गिरावट
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का प्रमुख सूचकांक निफ्टी भी भारी गिरावट झेल रहा है। कारोबारी सत्र के दौरान निफ्टी 394.95 अंक गिरकर 22,986.65 तक पहुंच गया, जबकि एक दिन पहले यह 23,381.60 अंकों पर बंद हुआ था। दोपहर 2:15 बजे निफ्टी 362 अंकों की गिरावट के साथ 23,019.80 पर कारोबार कर रहा था। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निफ्टी में आने वाले दिनों में और गिरावट संभव है।

4 फरवरी के बाद से निफ्टी लगातार गिर रहा है और अब तक 3.17% की गिरावट दर्ज कर चुका है। 4 फरवरी को निफ्टी 23,739.25 अंकों पर बंद हुआ था और तब से अब तक इसमें 752.6 अंकों की गिरावट आ चुकी है। मौजूदा हालात को देखते हुए निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि बाजार में अस्थिरता बनी हुई है।

निवेशकों को हुआ मोटा नुकसान
शेयर बाजार में इस गिरावट की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को मोटा नुकसान हुआ है। निवेशकों का नुकसान बीएसई के मार्केट कैप के कम या ज्यादा होने पर डिपेंड करता है। एक दिन पहले बीएसई का मार्केट कैप 4,17,82,573.79 करोड़ रुपए था। जो घटकर कारोबारी सत्र के दौरान 407 लाख करोड़ रुपए से नीचे आ गया। इसका मतलब है कि मौजूदा कारोबारी सत्र के दौरान निवेशकों को 10 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान देखने को मिला। 4 फरवरी के बाद से बात करें तो 5 कारोबारी सत्रों में निवेशकों को और भी ज्यादा मोटा नुकसान हो चुका है। बीएसई का मार्केट कैप 4,25,50,826.11 करोड़ रुपए पर था, जिसमें अब तक 17.76 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो चुका है।

Vishal Leel

Sr Media person & Digital Creator
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